क्या हो विषयों के चयन का आधार?[]
स्पष्ट है, जो विषय जीवन के लिए जितना अधिक महत्वपूर्ण है, उतने ही परिश्रमपूर्वक उसे सीखना और सिखाना चाहिए.
क्या विषयों का वर्गीकरण भी आवश्यक है? वह कैसा हो? इस वर्गीकरण का आधार क्या हो?[]
हाँ.
ऐसे विषय जिन्हें हर विद्यार्थी को एक न्यूनतम स्तर तक जानना ही चाहिए, जिनसे शिक्षा का प्रारंभ होता है और जिनके बिना कोई भी शिक्षा अधूरी है, वे हैं प्राथमिक अथवा अनिवार्य विषय. गुरुकुल में आने वाला प्रत्येक विद्यार्थी इनको अवश्य पढ़ेगा.
प्राथमिक विषयों के अंतर्गत आयेंगे:
- शारीरिक स्वास्थ्य
- मानसिक दक्षता
- भावनात्मक एवं आध्यात्मिक विकास
- कार्यकुशलता एवं सामाजिक व्यवहार
- प्राथमिक भाषा ज्ञान
- अनिवार्य गणित
- अनिवार्य विज्ञान
- कला, संस्कृति एवं सौन्दर्य-बोध
द्वितीयक विषय वे विषय हैं, जिन्हें कोई भी विद्यार्थी अपनी रुचि एवं प्रतिभा की अनुसार चुन कर विस्तारपूर्वक पढ़ सके. यह अनिवार्य विषय नहीं हैं. विद्यार्थी इन्हें चुनने के लिए स्वतंत्र है.
तृतीयक विषय वे विषय हैं जो उपगुरुकुल में किसी निष्णात आचार्य की देख-रेख में उस विषय की ज्ञात सीमा तक पढ़े जाएँ. गहरी अभिरुचि होने पर ही इनका महत्त्व है. यह प्रत्येक विद्यार्थी के लिए नहीं हैं.